गुर्दे की बीमारियाँ आम होती हैं और अक्सर दीर्घकालिक होती हैं। गुर्दे की बीमारी न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है। अनियमित गुर्दे की बीमारी में शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यहां बात करेंगे कि गुर्दे की बीमारी से जुड़ी मानसिक समस्याओं को कैसे पहचाना जा सकता है और उन्हें कैसे संभाला जा सकता है।

सामान्य मानसिक समस्याएं :- गुर्दे की बीमारी के मरीजों में कई मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इसमें शारीरिक तकलीफों के साथ-साथ, डिप्रेशन, चिंता, तनाव, अवसाद, और मानसिक उदासी जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। गुर्दे की बीमारी और मानसिक समस्याओं के बीच गहरा संबंध हो सकता है।

संभावित कारण :- गुर्दे की बीमारी में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कई कारक हो सकते हैं। जैसा कि यह बीमारी अक्सर लंबे समय तक चलती है, इससे लोगों की मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है। गुर्दे की समस्याओं के उपचार के दौरान डायलिसिस के भय, उपयुक्त उपचार की उपलब्धता, उच्च चिकित्सा लागत, और व्यक्तिगत और परिवार के समर्थन की कमी भी मानसिक तनाव और चिंता का कारण बन सकती है। सामाजिक असहमति और सामाजिक अलगाव भी मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि इससे व्यक्ति का हीन भवना से देखा जाता है। और समाज में उन्हें संघर्ष करना पड़ सकता है। इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और व्यक्ति का जीवनशैली और सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है।

संकेत :- मानसिक समस्याओं के प्रारंभिक संकेत शामिल हो सकते हैं – निराशा, अवसाद, नींद की बाधा, चिंता, खाने की इच्छा में कमी, और अधिक उत्साहहीनता। सुसाइड के विचारों और आत्महत्या की संभावना भी हो सकती है, जो कि संकेत के रूप में सामाजिक संदेश करता है कि व्यक्ति को तुरंत मदद की आवश्यकता है।

उपचार विकल्प :- मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई उपाय हो सकते हैं, जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना। मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार से मिलकर गुर्दे की बीमारी के बारे में चिकित्सा की योजना बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। काउंसलिंग, ध्यान, योग, आहार, नियमित व्यायाम, और दवाओं का सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। आपको अपनी गुर्दे की समस्याओं के बारे में मानसिक चिकित्सक को विस्तार से सूचित करना चाहिए ताकि वह आपके लिए सही और सुरक्षित दवाओं का निर्धारण कर सकें। ध्यान दें कि अधिकांशतः मानसिक रोगों की दवाएं गुर्दे पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती हैं, सही इलाज के माध्यम से आप मानसिक स्वास्थ्य को संरक्षित रख सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें:-
1. नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ आहार लें।
2. सही नींद लें और तनाव से दूर रहें।
3. परिवार और मित्रों के साथ समय बिताएं और उनसे अपनी बातें साझा करें।
4. सामाजिक समर्थन को अपनाएं और आत्मविश्वास बनाए रखें।

गुर्दे की बीमारी मानसिक स्वास्थ्य को उसी रूप में प्रभावित करती है जैसे कि शारीरिक स्वास्थ्य को। इसलिए, हमें गुर्दे की समस्याओं के संबंध में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। न केवल यह हमारे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे और हमारे परिवार के लिए भी प्रभाव डाल सकता है। ध्यान देने वाला बात यह है कि सही सलाह और सहायता के साथ, हम गुर्दे की समस्याओं के साथ संघर्ष कर सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को संरक्षित रख सकते हैं। इसलिए, हमें अपने रोगी और उनके परिवार के साथ मिलकर इस मुश्किल समय में उनका समर्थन करना और उन्हें उपयुक्त चिकित्सा और मानसिक समर्थन प्रदान करना चाहिए। यदि आप या कोई भी आपके आसपास किसी तरह की समस्या महसूस करता है, तो तुरंत एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें।

Dr. Harkishan Mamtani
Consultant Neuropsychiatrist

MBBS (GMC, Nagpur)
MD Psychiatry (NIMHANS, Bengaluru)
MRCPsych (UK)
PDF in Neuropsychiatry (NIMHANS)
Ex- Senior Resident (AIIMS, Nagpur)
G Kumar Arogyadham 238, Guru Harikrishan Marg, Nara Road, Jaripatka, Nagpur-14 Whatsapp: 91-8380022225

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